Bihar Election 2025

SIR को लेकर भड़के चिराग पासवान कहा की ‘विपक्ष कमेशा भ्रम पैदा करता है’

Bihar Chunav 2025 Opinion: 

बिहार विधानसभा चुनाव:

की सरगर्मी ज्यों-ज्यों बढ़ रही है, एनडीए और महागठबंधन में शामिल दो दलों के तेवर भी बदलने लगे हैं. चिराग पासवान ने एनडीए में रहते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है तो महागठबंधन में रहते हुए मुकेश सहनी के सुर भी तल्ख होते जा रहे हैं. दोनों की पीड़ा अलग-अलग है. चिराग पासवान बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर नीतीश पर निशाना साध रहे हैं. बिहार में कानून व्यवस्था को ध्वस्त बता रहे हैं. मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं. उनके शब्दों में- बिहार लहूलुहान है. मुकेश सहनी इसलिए परेशान हैं कि उन्हें महागठबंधन का कोई नेता डिप्टी सीएम के रूप में प्रोजेक्ट नहीं कर रहा. अब तो उन्होंने अल्टीमेटम दे दिया है कि महागठबंधन उन्हें डिप्टी सीएम घोषित करे, वर्ना तेजस्वी सीएम नहीं बन पाएंगे.

चर्चा के दौरान चिराग पासवान का बयान:

केंद्रीय मंत्री और लोजपा-रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने विपक्ष पर चुनाव आयोग के फैसले पर राजनीति करने और झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।

‘राज्य का लॉ एंड आर्डर किसी के लिए भी चिंता का विषय है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से मेरे इस्तीफे से कानून व्यवस्था सुधर सकती तो मैं एक मिनट भी देर नहीं करता… बिहार लहूलुहान है… कुछ लोग मुझे खत्म करने पर तुले हैं… मैं बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर लड़ूंगा.’ लोजपा-आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के ऐसे बयानात पिछले कई महीनों से बिहार के सियासी फिजा में गूंजते रहे हैं. चिराग यह भी कहते हैं कि उनकी पार्टी किसने तुड़वाई, यह उन्हें पता है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार है और चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा हैं. इसलिए उनके ऐसे बयानों को किसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा राजनीतिक विश्लेषक मानते रहे हैं. विश्लेषकों की इस मान्यता का पुख्ता आधार यह है कि चिराग ने ऐसे ही तेवर दिखाते हुए 2020 में नीतीश कुमार को बड़ा नुकसान पहुंचा दिया था.https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-assembly-election-2025-chirag-paswan-on-prashant-kishor-said-he-is-playing-an-honest-role-in-bihar-politics-2984467

चिराग पासवान ने नितीश पर भी साधा निशाना:

चिराग जब कहते हैं कि उनकी पार्टी का विभाजन उन्हें कमजोर करने के लिए कराया गया. इसमें किनकी भूमिका रही, इसकी जानकारी का भी वे दावा करते हैं. अब जरा इस प्रसंग को समझिए. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को जब पिछले विधानसभा चुनाव में 43 सीटों पर सिमट जाना पड़ा तो इसका सीधा आरोप चिराग पासवान पर लगा. कहा गया कि चिराग की वजह से कम से कम 32 सीटों का जेडीयू को नुकसान हुआ. उसके बाद नीतीश कुमार के दबाव पर सबसे पहले एनडीए से चिराग की विदाई हुई. बाद में चिराग के चाचा ने बगावत कर 5 में 4 सांसदों का अलग गुट बना लिया. बाद में लोजपा दो पार्टियों में बंट गई. पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का जन्म हुआ. पारस के साथ चूंकि 4 सांसद थे, इसलिए उन्हें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई. चिराग पासवान अपनी पार्टी में इकलौते सांसद बच गए. रामविलास पासवान के नाम आवंटित सरकारी बंगला भी चिराग से छिन गया. इन सबके पीछे नीतीश कुमार का भाजपा पर दबाव बताया गया. चिराग से इस तरह नीतीश ने अपने सियासी नुकसान की भरपाई कर ली. चिराग शायद उस प्रसंग को भूले नहीं हैं. तभी तो वे कहते हैं कि उन्हें खत्म करने की लगातार कोशिशें होती रही हैं.

बिहार सरकार नितीश कुमार पर विपक्ष के हमले:

NDA के कई दलों के नेता नितीश कुमार पर हमला बोल रहे है पिछले एक महीने के अन्दर हुई दर्जनों हत्याओं के कारण NDA में भी तनाव का माहोल बना हुआ है

चन्दन मिश्रा हत्याकांड :

चन्दन मिश्रा हत्याकांड में शनिवार को कोलकाता से चार अपराधियों की गिरफ़्तारी की गयी थी पूछताछ के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। हत्या की वजह क्या है? सुपारी की रकम कितनी दी गई थी? अब तक सामने आए नामों के अलावा इसमें और कितने लोग शामिल हैं? किसने क्या भूमिका निभाई? जेल में शेरू से उसकी दोस्ती कैसे हुई? घटना में हथियारों का इस्तेमाल किसने किया और उन्हें कहां छिपाया गया था?

Leave a Comment