YES BANK CACE: में फसे अनिलअम्बानी ED ने मारा छपा,इस आफत से कैसे उबरेंगे अनिल अंबानी? 

अनिल अम्बानी पर ED की बड़ी कार्रवाई:40 से 50 ठिकानों पर ED ने मारा छपा

दिल्ली ओऔ मुंबई में स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी

YES BANK CACE

नई दिल्ली। अनिल अंबानी पर नई मुसीबत आ गयी हैछापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के कई परिसरों में छापेमारी की है। साथ ही ED ने यस बैंक के खिलाफ भी छापेमारी की है। इस छापेमारी से रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों में गिरावट देखी गई। दोनों कंपनियों के शेयर 5 फीसदी से अधिक टूटकर कारोबार कर रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें करीब 50 कंपनियां शामिल हैं। 25 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में गुरुवार, 24 जुलाई को की गई ये रेड दिल्ली और मुंबई में चल रही है। ये छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 के तहत की जा रही है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ये कार्रवाई CBI की ओर से दर्ज दो FIR और सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) जैसी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की गई है।

https://en.wikipedia.org/wiki/Yes_Bank

मनी लॉड्रिंग के तहत ED की छापेमारी

(PMLA) Prevention of Money Laundering Act. section 17 के तहत ED ने मारा छपा:

ED ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मुंबई और दिल्ली में 50 कंपनियों और लगभग 25 व्यक्तियों के 35 से अधिक परिसरों की तलाशी ली जा रही है। ईडी सूत्रों ने बताया कि वे 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध ऋण डायवर्जन के आरोपों की जांच कर रहे हैं।

बताया जा रहा है की अमिल अम्बानी ने YES बैंक से लोन लिया था और बाद में इसे फ्राड घोषित कर दिया गया था YES बैंक के लोन फ्रॉड का ये पूरा मामला ED का कहना है की 3.000 करोड़ जो लोन लिया गया है उनको डाइवर्ट किया गया है ED ने आरोप लगते हुए ये भी बताया की लोन जो बोल कर लिया गया था वैसा न करके उसे उसी जगह डाइवर्ट कर दिया गया ED का ये भी कहना है की 2017 से 2019 के दौरान शेल कंपनियों को लोन डाइवर्जन किया गया

ED ने कहा की YES के कुछ अधिकारीयों को रिश्वत भी दिया गया:

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को यस बैंक द्वारा लोन स्वीकृतियों में “घोर उल्लंघनों” के आरोपों की जांच कर रही है। जहा ED ने बड़े बड़े खुलासे के साथ अनिल अम्बानी पर आरोप लगाया

किस तरह से सामने आया मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला

ED का कहना हैं की लोन फ्रॉड में YES बैंक के अधिकारीयों का भी बड़ा हाथ है CBI के 2 FIRs के आधार पर हुई कार्रवाई SEBI, के साथ साथ कई एजेंसियों ने की कार्रवाई NSB, BoB, NFRA ने भी दिया इनपुट ED की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।

ED की जांच में और क्या-क्या सामने आया?

ED का कहना है कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:

  • कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
  • कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
  • लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
  • फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
  • पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।

इस छापेमारी का अनिल अंबानी की कंपनियों पर क्या असर पड़ा?

छापेमारी की खबर के बाद अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 5% तक की गिरावट आई है।

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